बर्न्स प्लास्टिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी
सफदरजंग अस्पताल में बर्न्स यूनिट दुनिया की सबसे बड़ी बर्न्स यूनिट है जहां तक रोगी के जनगणना का संबंध है। यह विभाग (प्लास्टिक सर्जरी ) अस्पताल में एक अलग विभाग के रूप में 1962 में स्थापित किया गया था ।यह स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के तहत जलने वाले रोगी के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में शुरू हुआ था, जिसमें कुछ बिस्तर थे , जो 1977 में 54 बिस्तर संख्या से बढ़कर वर्तमान में 107 हो गए ।यह एकमात्र विभाग है जहां एक ही छत के नीचे सभी सहायक सुविधाएं उपलब्ध हैं। विभाग में एक समर्पित अलग बर्न्स आपातकालीन है जहां जलने वाले रोगी सीधे प्राप्त होते हैं ।विभाग अब अपने अस्तित्व के 50 वें वर्ष में है। यह न केवल दिल्ली से बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल प्रदेश, मप्र और बिहार, असम और जम्मू-कश्मीर जैसे दूर के राज्यों से भी मरीजों को आकर्षित करता है ।
स्थान
यह इमारत मेडिकल रिकॉर्ड सेक्शन के सामने स्थित है ।
ओपीडी दिन
विभाग सप्ताह में 6 दिन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक बर्न्स, प्लास्टिक सर्जरी और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी ओपीडी चलती है ।
डॉक्टरों और अन्य स्टाफ विवरण
विभाग जलने या प्लास्टिक सर्जरी, पुनर्निर्माण सर्जरी, सूक्ष्म संवहनी या मैक्सिलोफेशियल सर्जरी की आवश्यकता से पीड़ित रोगियों को व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करता है। अन्य सहायक कर्मचारियों के अलावा 18 योग्य पूर्णकालिक विशेषज्ञ और 34 वरिष्ठ निवासी और 16 जूनियर निवासी हैं ।
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अस्पताल सेवाएं
इस विभाग की कुल शय्या संख्या 108 है ।
- आईसीयू : 12 बिस्तरें
- आपदा : 3 बिस्तरें
- वार्ड 22 : 17 बिस्तरें
- वार्ड 22 ए : 32 बिस्तरें
- वार्ड 23 ए : 22 बिस्तरें
- वार्ड 23 बी : 22 बिस्तरें
इस विभाग में एक समर्पित कैजुएल्टी है जो साल के 365 दिन चौबिसों घंटे कार्यरत रहती है जहां जले हुए रोगियों को सीधे प्राप्त कर इलाज किया जाता है तथा अन्य कैजुएल्टी से भेजे गए मैक्सिलोफेशियल ट्रामा या लिम्ब ट्रामा पुन:निर्माण की जरूरत वाले रोगियों का भी उपचार किया जाता है । उन्हे उस समय डयूटी पर तैनात कनिष्ठ निवासी, वरिष्ठ निवासी तथा नर्सिंग स्टाफ द्वारा उपचार प्रदान किया जाता है । इस प्रकार विभाग द्वारा एक्यूट तथा क्रोनिक मामलों ट्रामा तथा बडी संख्या में कैजुएल्टी की स्थिति में चौबिसों घंटे बैकअप प्रदान किया जाता है । विभाग बर्न, सीक्वल बर्न के साथ पुन:निर्माण, प्लास्टिक,ऐनस्थेटिक, मैक्सिलोफेशियल एवं माईक्रो वैसकूलर सर्जरी से संबंधित सभी मामलों में सर्जिकल देखभाल प्रदान करता है ।
गहन देखभाल एकक
बर्न इंजरी के पुनर्जीवन के लिए 12 बिस्तरों से बना हुआ है । यह केंद्रीय रूप से वातानुकूलित है, सभी अलग-अलग कक्षों में प्रत्येक कक्ष में रिकॉर्ड करने के लिए गैजेट, एनआईबीपी के साथ एचआर और ईसीजी ट्रेसिंग के साथ वैक्यूम/ऑक्सीजन केंद्रीय रूप से प्रत्येक कक्ष में अलग से आपूर्ति की जाती है। प्रत्येक कक्ष में माइनर/बेड साइड सर्जिकल प्रक्रिया के लिए स्वतंत्र ऑपरेटिंग लाइट है। एबीजी के लिए आईसीयू में धमनी रक्त गैस विश्लेषक, कृत्रिम वेंटिलेशन की आवश्यकता वाले किसी भी मरीज के लिए दो वेंटिलेटर चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं। आईसीयू में 24 निवासी तैनात हैं, गंभीर देखभाल इकाइयों में तैनात 24 निवासियों को सभी हस्तक्षेप प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित किया जाता है।
आपातकालीन सेवाएं
विभाग में बर्नउपचार करने के लिए साल के 365 दिनों चौबिसों घंटे स्वयं की कैजुएल्टी कार्यरत है जिसमें एक्यूट बर्न ट्रामा, चेहरे के साफट टिशू की इंजरी ,हाथ तथा अन्य अवल्शन चोटों का उपचार किया जाता है ।
बहिरंग रोगियों की मरहम पट्टी
विभाग में पुरूषों, महिलाओं एवं बच्चों के लिए तीन अलग मरहम पट्टी कक्ष है । मरहम पट्टी परा चिकित्सा कार्मिकों एवं ड्रैसर द्वारा दस्ताने, मास्क एवं ऐप्रन पहनकर सडने से रोकने के सभी एहतियात बरतते हुए की जाती है ।
वार्ड 22
17 बिस्तरें, आक्सीजन के साथ पृथक क्यूबिकल /प्रत्येक क्यूबिकल को स्वतंत्र वैक्यूम । यह वार्ड केन्द्र वातानुकूलित है ।
वार्ड 22-ए
32 बिस्तरें केन्द्र वातानुकूलित स्थिर अवस्था वाले रोगियों के लिए ।
वार्ड 23-ए/बी
प्लास्टिक सर्जरी वार्ड23-ए/बी की बिस्तरों की क्षमता पुरूषों एवं महिलओं के लिए क्रमश: 22 है । यह केन्द्र वातानुकूलित है । वे रोगी जिन्हें पुन:निर्माण / कास्मेटिक / माईक्रो वैस्कूलर इंटरवैंशन की जरूरत हो को भर्ती एवं उनकी शल्य क्रिया की जाती है ।
आपरेशन थियेटर
प्लास्टिक सर्जरी एवं बर्न सर्जरी के लिए अलग आपरेशन थियेटर, 3 बडे आपरेशन तथा 2 लघु सर्जरी के लिए ।
बर्न थियेटर
भूतल पर एक, दो सुइट्स सहित - एक बर्न सर्जरी एवं आपालकालीन शल्य क्रियाओं के लिए ।
भौतिक चिकित्सा अनुभाग
दो योग्य भौतिक चिकित्सकों द्वारा चलाया जाता है । विभाग बर्न एवं पलास्टिक सर्जरी दोनो के मामले जिन्हें इस अनुभाग को भौतिक चिकित्सा के लिए भेजा जाता है की देखभाल करता है । रोगियों की उपस्थ्िाति 40-50 के लगभग है ।
नैदानिक सुविधाएं
विभाग की अपनी स्वयं की नैदानिक प्रयोगशाला है जो शीघ्रता से जीवरसायन जांचों के लिए नामित है तथा आवश्यक जांचों के लिए प्रात: 9.00 बजे से दोपहर 4.00 तक कार्य करती है । यह निम्नलिखितों से सज्जित है - आटोमेटिक बल्ड एनेलाइजर.
- हिमेटोलोजिकल
- जीव रसायन
- एसिलाईट इलैक्ट्रोलाईट
क्रमांक | संकाय का नाम | पद का नाम | ईमेल |
---|---|---|---|
1 | डॉ. शलभ कुमार | सलाहकार | |
2 | डॉ. उपेन्द्र शर्मा | प्राध्यापक | |
3 | डॉ. आर. के. कैन | प्राध्यापक | |
4 | डॉ. वी.के.तिवारी | प्रधानाचार्य सलाहकार | |
5 | डॉ. दीपक नंदा | सलाहकार | |
6 | डॉ. रमन टंडन | प्राध्यापक | |
7 | डॉ. शरदेंदु शर्मा | सलाहकार | |
8 | डॉ. एच. के. शर्मा | सलाहकार | |
9 | डॉ. अमृता मोरे | सह प्राध्यापक | |
10 | डॉ. आर. के. श्रीवास्तव | सलाहकार | |
11 | डॉ. पीयूष. के. थायल | सहायक प्राध्यापक | |
12 | डॉ. गौरव कुमार गुप्ता | प्राध्यापक | |
13 | डॉ. सुजाता साराभाई | सलाहकार | |
14 | डॉ. सविता अरोड़ा | सलाहकार | |
15 | डॉ. दीप्ति गुप्ता | सहायक प्राध्यापक | |
16 | डॉ. विश्व प्रकाश | सलाहकार | |
17 | डॉ. दुर्गा कार्की | प्राध्यापक | |
18 | डॉ. सुनील शर्मा | प्राध्यापक |
क्रमांक | यूनिट | प्रभारी | डॉक्टरों के नाम | प्लास्टिक ओ पी डी | बर्न ओ पी डी |
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1. | 1 | डॉ. शलभ कुमार | 1. डॉ. शलभ कुमार | सोमवार | वीरवार |
2. डॉ. उपेन्द्र शर्मा | |||||
3. डॉ.राकेश केन | |||||
2. | 2 | डॉ विनय कुमार तिवारी | 1. डॉ विनय कुमार तिवारी | बुद्धवार | शनिवार |
2. डॉ. दीपक नन्दा | |||||
3. डॉ रमन | |||||
3. | 3 | डॉ शारदेन्दु शर्मा | 1. डॉ शारदेन्दु शर्मा | वीरवार | सोमवार |
2. डॉ हरीश शर्मा | |||||
3. डॉ. अमृता मोरे | |||||
4. | 4 | डॉ. आर. के. श्रीवास्तव | 1. डॉ. आर. के. श्रीवास्तव | शनिवार | बुद्धवार |
2. डॉ. पीयूष के थायाल | |||||
3. डॉ. गुप्ता के गौरव | |||||
5. | 5 | डॉ. सुजाता सारावाही | 1. डॉ. सुजाता सारावाही | मंगलवार | शुक्रवार |
2. डॉ. सविता अरोरा | |||||
3. डॉ. दीप्ति गुप्ता | |||||
6. | 6 | डॉ. विश्व प्रकाश | 1. डॉ. विश्व प्रकाश | शुक्रवार | मंगलवार |
2. डॉ. दुर्गा कार्की | |||||
3. डॉ. सुनील शर्मा |
क्रमांक | ओपीडी रूम | फ्लोर |
---|---|---|
1 | बर्न्स आपातकालीन | ग्राउंड फ्लोर |
2 | बर्न्स ओपीडी | ग्राउंड फ्लोर |
3 | प्लास्टिक सर्जरी ओपीडी | ग्राउंड फ्लोर |
4 | मैक्सिलोफेशियल सर्जरी ओपीडी | ग्राउंड फ्लोर |
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वर्ष 2011-12 के दौरान विभागीय गतिविधियां
- विभाग ने 20 अप्रैल, 2011 को डीएफएसआई के सहयोग से (डाएबेटिक फूड सोसयटी आफ इंडिया) नैशनल वूंड केयर प्रोजेक्ट पर एक दिन का कार्यक्रम की मेजबानी की जिसमें अस्पताल के विभिन्न विभागों के 100 निवासी एवं स्ंकाय सदस्य उपस्थ्ति रहे थे । इसमें विभिन्न प्रकार के जख्मों पर लैक्चर को सम्मिलित किया गया तथा विभिन्न तरह के जख्मों की डैसिंग में जख्म देखभाल उत्पादों के प्रयोग को जीवित प्रदर्शित किया गया ।
- विभाग ने दिनांक 03.08.2011 से 15.08.2011 तक 15 दिनों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एनपीपीबीआई (नेशनल प्रोर्गौम फार प्रिवेनशन आफ बर्न इंजरी) के लिए प्रथम पायलट प्रोजेक्ट की मेजबानी की जिसमें सफदरजंग अस्पताल, लोक नायक अस्पताल तथा आर.एम.एल होस्पिटल की बहुत ही अनुभवी संकाय सदस्यों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से आए 18 चिकित्सकों को बर्न प्रबंधन तथा किस प्रकार से बर्न सैन्टर खोला एवं चलाया जाए पर प्रशिक्षण प्राप्त किया । 6 दिनों के कोर्स के लिए दो बैच थे ।
- विभाग ने दिनांक 03.02.2012 से 05.03.2012 तक 20वी एनवल नेशनल कान्फ्रेंस आफ बर्न एनएबीआईसीओएन की मेजबानी की । डा. वी. के. तिवारी 2011 -2012 तक एनएबीआई के प्रेजिडेंट रहे । सम्मेलन का उद्घाटन माननीय डा. अबुल कलाम, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति ने अपने कर कमलों से किया था । इसमें सफदरजंग अस्पताल से आधे दिन के लिए लाईव ओपरेटिव वर्कशापइसमें कुछ जटिल बर्न मामलों के प्रबंधन को भी सम्मिलित किया गया था तथा ढाई दिनों के रीच इनटरएक्टिव साईंटिफिक सेशन में देश के विभिन्न भागों एवं विदेश से आए 250 से अधिक प्रतिनिधियों एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे । इससे पहले डा. करूण अग्रवाल, विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में बर्न पर नर्सिंस का एक दिन का प्रशिक्षण आयोजन । इसमें 200 प्रतिनिधि उपस्थित रहे तथा देशी एवं अन्तर्राष्ट्रीय संकाय द्वारा लैक्चर दिए गए थे ।
- 05.11.2011 को डा. कुलदीप सिंह द्वारा टैक्निक आफ बोटोक्स इंजेक्शन पर क्रियाशील कार्यशाला आयोजित की गई । दिनांक 07.01.2012 को डा.पी.एस. भंडारी के द्वारा कार्विंग आफ कार्टिलेज (बोवाइन) पर एक ओर क्रियाशील कार्यशाला आयोजित की गई ।
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बर्न, प्लास्टिक एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग देंश तथा पडोसी राज्यों के विभिन्न संस्थानों के चिकित्सा एवं परा चिकित्सा कार्मिको को शिक्षण एवं प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है ।
यह विभाग अब पिछले दो वर्षो से प्लास्टिक सर्जरी में पोस्ट डाक्टोरल (एमसीएच) प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से स्मबद्ध है । यह प्रशिक्षण भारत की चिकित्सा परिषद् से मान्यता प्राप्त है । इस प्रशिक्षण की अवधि जनरल सर्जरी में एम.एस.उत्तीर्ण करने के पश्चात 3 वर्ष है । इस प्रशिक्षण के लिए प्रतिवर्ष 10 उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाता है । प्रवेश इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश-परीक्षा के माध्यम से प्रतिवर्ष जून में दिया जाता है । सप्ताह मे 5 से 6 दिन एमसीएच प्रशिक्षण जिसमें जनरल कल्ब, सेमिनार/ सिम्पोजियम, केस प्लानिग सेशन ग्रैंड राउंड, अस्पताल एवं अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों से लैक्चर प्रौग्राम एवं अनुसंधान ग्रुप मीटिंग निहित है के लिए शिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है ।
ओबजर्बर शिप ट्रेनिंग
समस्त भारत एवं विदेश से बर्न के मामले में उपचार में प्रशिक्षण के लिए इच्छूक चिकित्सकों को नियमित आधार पर प्रशिक्षण दिया जाता है ।
पुस्तकालय
विभाग का अपना पुस्तकालय है जिसमें बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी पर 50 पुस्तकें हैं जो स्नातकोत्तर विद्याथियों को उपलब्ध करवाई जाती है ।
संग्रहालय
शिक्षण एवं अनुसंधान उद्देश्य के लिए विभाग का अपना विकृति विज्ञान संग्रहालय है । आपरेशन थियेटर से प्राप्त सभी रोचक नमूनों पर लेबल लगा कर संग्रहालय में रखा जाता है ।
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