वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज

नवंबर 2001 में भारत सरकार द्वारा सफदरजंग अस्पताल में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया था, इसका उद्घाटन 17 दिसंबर, 2001 को श्री एल.के. आडवाणी, श्री सी.पी. ठाकूर और संस्थापक प्राचार्य डॉ जगदीश प्रसाद की उपस्थिति में तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किया गया था। माननीय उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी द्वारा कॉलेज भवन दिनांक 20 नवम्बर 2007 को माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ अंबुमणि रामदास की उपस्थिति में राष्ट्र को समर्पित किया था। फरवरी 2002 में एमबीबीएस के छात्रों का पहला बैच भर्ती हुआ था। वीएमएमसी की स्थापना से पहले से ही नैदानिक ​​विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (एमडी / एमएस) भी सफदरजंग अस्पताल में चल रहे थे। पूर्व और पैरा क्लिनिकल विषयों में (एमडी / एमएस) पाठ्यक्रम वर्ष 2011 में शुरू किए गए थे। समय बीतने के साथ ही एमडी / एमएस की सीटों की संख्या बढ़ा दी गई है। कॉलेज में सुपर विशेषज्ञता (एमसीएच / डीएम) भी करवाया जा रहा है।

वीएमएमसी गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से संबद्ध है। एक दशक के दौरान VMMC कॉलेज भारत में एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में स्थापित हो चुका है। (इंडिया टुडे एस्‍पॉयर अगस्त 2013 के अनुसार एक चिकित्सा चमत्कार)।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत सफदरजंग अस्पताल सबसे बड़ा अस्पताल है और आजादी के पूर्व के दिनों से ही समाज के सभी वर्गों के लिए अपनी सेवाओं की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। आज की तारीख में पालनों सहित 1550 से अधिक बिस्तर हैं। यहां रोगियों की वार्षिक ओपीडी उपस्थिति 10 लाख से अधिक है। सफदरजंग अस्पताल के सहयोग से वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज जांच और रोगी की देखभाल के लिए सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है। इस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्डिएक सर्जरी (सीटीवीएस), कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, श्वसन चिकित्सा, बर्न्स और प्लास्टिक, बाल शल्य चिकित्सा, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी आदि जैसे विशेषता और सुपर स्पेशियलिटी विभाग है। यहां एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, वाल्व प्रतिस्थापन और मरम्मत, कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्टिंग, लिथोट्रिप्‍सी, निद्रा प्रयोगशाला, एंडोस्‍कॉपी, अथ्रोस्‍कॉपी, वीडियो ईईजी, डायलिसिस, सर्पिल सीटी, एमआरआई, स्वचालित रक्त परीक्षण एनालाईजर आदि के लिए आधुनिक सुविधाएं हैं।

प्रधानाचार्य(र्या) का कार्यालय कॉलेज की इमारत के भूतल पर स्थित है। प्रवेश, परीक्षा शुल्क, प्रमाण पत्र, डिग्री, छात्रावास, छात्रवृत्ति आदि से संबंधित सभी मामलों के लिए शैक्षिक अनुभाग से संपर्क किया जा सकता है जो भूमि तल पर ही स्थित है।

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज को उत्तीर्ण करने वाले स्नातक छात्र को चाहिए कि:

  • एक समुदाय, एक राष्ट्र और मानवता के विकास में स्वास्थ्य की भूमिका के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के रूप में उसकी / अपनी भूमिका को गंभीरता से अच्छी तरह समझें।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियों के सभी पहलुओं को जानने और स्वयं इसके व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए समर्पित हो।
  • किसी भी स्वास्थ्य देखभाल वितरण टीम के एक सदस्य के रूप में व्यक्ति और समुदाय की सामान्य के साथ-साथ उभरती स्वास्थ्य समस्याओं का अपनी स्थिति के अनुसार उपयुक्त निदान और प्रबंधन करें।
  • स्वास्थ्य और रोग को प्रभावित करने वाले सामाजिक-आर्थिक, मनो-सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय कारकों का निर्धारण करें।
  • विभिन्न स्तरों पर स्वास्थ्य देखभाल की अतृप्त आवश्यकताओं का सामना करने के लिए उपलब्ध संसाधनों और ज्ञान का सबसे अच्छा उपयोग करें।
  • निदान के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी लागू करें और ड्रग्स के तर्कसंगत उपयोग की आदतों का विकास करें।
  • व्यक्ति या समुदाय की धार्मिक आस्था और सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा अभ्यास करना चाहिए।
  • आम और उभरते रोगों के निवारक, प्रोत्साहक, उपचारात्मक और पुनर्वास पहलुओं को शामिल करते हुए संपूर्ण चिकित्सा अभ्यास करने के लिए सक्षम हो।
  • अपनी सीमाओं का एहसास करें और जब कभी उचित हो तथा रोगी के स्वास्थ्य के लाभ के लिए रोगियों को अगले स्तर की देखभाल हेतु भेजें।
  • निरंतर स्वयं सीखने की क्षमता का विकास करना तथा स्वास्थ्य को समृद्ध और मानव कष्टों का उपशमन करने हेतु जीवन की सीमाओं एवं गहराई और इसकी प्रक्रियाओं का पता लगाने के लिए सभी पारंपरिक तथा उभरते रूपों में अनुसंधान करना।
  • चिकित्सा के नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के साथ रोगियों का सम्मान और गरिमा के साथ उपचार करना।
  • कार्यविधि के मानकीकरण, प्रोटोकॉल का विकास, स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में गुणवत्ता और चिकित्सा प्रबंधन हेतु एक दृष्टिकोण विकसित करना।
  • समाज के सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने को वैज्ञानिक और टिकाऊ बनाने के लिए चिकित्सा की वैकल्पिक प्रणाली की दिशा में एक खुला दृष्टिकोण प्रदर्शित करना।
  • आपातकालीन चिकित्सा और आपदा प्रबंधन के सभी पहलुओं को सीखना और ऐसी किसी भी घटनाओं या आपदाओं का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहना।
  • मेडिको-लीगल पहलू और अस्पताल कचरा प्रबंधन में कुशल होना।
  • डाटा, सूचना और ज्ञान का प्रभावी ढंग से और कुशलता से भंडारण, संरक्षा, उपयोग एवं प्रसार करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना।
  • स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के क्षेत्र में मूल बुनियादी प्रबंधन कौशल अर्जित करना।
  • एक ओर व्यक्तियों दूसरी ओर समकक्ष व्यक्ति, स्वास्थ्य टीम के सदस्यों और समुदाय को सूचना, शिक्षा और संचार प्रदान करने के लिए कौशल का विकास करना।
  • व्यक्तिगत ईमानदारी, जिम्मेदारी, विश्वसनीयता और सहानुभूति जैसी पेशेवर जीवन के लिए आवश्यक व्यक्तिगत विशेषताएं और दृष्टिकोण रखना।